14 नवंबर का दिन, जब पूरे देश की निगाहें बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर टिकी थीं, जम्मू-कश्मीर के दक्षिण श्रीनगर इलाके को एक खतरनाक धमाके ने दहला दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह भीषण घटना नौगाम पुलिस स्टेशन के पास हुई। धमाका इतना ज़बरदस्त था कि इसके तुरंत बाद इलाके में आग फैल गई, जिसने जल्द ही विकराल रूप ले लिया।
आसमान छूती आग की लपटें और काले धुएं का मंजर
घटनास्थल से सामने आए कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो इस भयावहता की गवाही दे रहे हैं। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि आसमान काले धुएं और आग की लपटों से घिरा हुआ है। धमाके की तीव्रता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी चपेट में आए लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जिससे इलाके में एक दर्दनाक मौत का मंजर छा गया। धमाके के बाद का दृश्य बेहद खौफनाक था। हर तरफ तबाही दिखाई दे रही थी। वायरल हो रहे एक वीडियो में घटनास्थल पर तबाह हुई गाड़ियां बिखरी पड़ी हैं, जबकि जगह-जगह आग की लपटें उठ रही हैं। लोगों में दहशत का माहौल साफ देखा जा सकता है, वहीं स्थानीय लोग और बचाव दल आग पर काबू पाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। शुरुआती खबरों के अनुसार, इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में 9 लोगों की मौत हुई है, जबकि लगभग 30 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को तत्काल प्रभाव से नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया गया है।
दिल्ली धमाके से जुड़े तार?
इस विस्फोट ने राष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ा दी है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इस धमाके को हाल ही में हुए दिल्ली कार धमाके से जोड़कर देखा जा रहा है। अक्टूबर में श्रीनगर से शुरू हुई कुछ जांचों के तार पहले फरीदाबाद और फिर दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े थे, और अब नौगाम में हुए इस विस्फोट की प्रकृति भी जांच एजेंसियों को इसी ओर इशारा कर रही है। फिलहाल, सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस बल घटनास्थल पर मौजूद हैं और मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह धमाका किस तरह का था और इसके पीछे कौन-सी ताकतों का हाथ हो सकता है।
सुरक्षा चुनौतियों के बीच एक कड़वी सच्चाई
एक तरफ जहां देश लोकतंत्र के उत्सव यानी चुनावों के नतीजों में व्यस्त था, वहीं दूसरी तरफ कश्मीर घाटी में हुई इस हिंसक घटना ने एक बार फिर आतंकवाद और सुरक्षा चुनौतियों की कड़वी सच्चाई को सामने ला दिया है। यह घटना दर्शाती है कि घाटी में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने का रास्ता अभी भी चुनौतियों से भरा है। इस दुखद घड़ी में, सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने और दिवंगत आत्माओं को शांति मिलने की कामना की जा रही है। यह विस्फोट न केवल एक सुरक्षा चूक है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि देश को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए अभी भी अत्यधिक सतर्कता की आवश्यकता है।