श्री वेंकटेश्वर मंदिर के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड ने मंगलवार को सहायक अधिकारी ए राजशेखर बाबू को निलंबित कर दिया है। यह निर्णय तब लिया गया जब यह सामने आया कि अधिकारी अपने गृहनगर पुत्तुर में रविवार को चर्च गए थे। बोर्ड का कहना है कि यह तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के नियमों और आचार संहिता का उल्लंघन है, क्योंकि एक हिंदू धार्मिक संगठन के कर्मचारी के रूप में यह गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार माना गया है।
टीटीडी बोर्ड ने बताया कि मामले की जांच टीटीडी के सतर्कता विभाग द्वारा की गई थी, जिसमें अधिकारी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले। जांच के आधार पर दोषी पाए जाने पर अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। अधिकारी ने बोर्ड को बताया कि वह चर्च केवल अपने दोस्तों से मिलने गया था, प्रार्थना के लिए नहीं।
हालांकि, बोर्ड के वरिष्ठ सदस्यों ने स्पष्ट किया है कि देवस्थानम बोर्ड में किसी भी गैर-हिंदू को काम करने की अनुमति नहीं है। जून 2024 में जब टीडीपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता में आई, तब से देवस्थानम बोर्ड ने कई गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाया और 18 ऐसे कर्मचारियों का तबादला भी किया जो गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में जुड़े थे।
राजशेखर बाबू ने मीडिया को कहा कि वे हमेशा टीटीडी की परंपराओं का सम्मान करते हैं और धर्म के आधार पर भेदभाव उनके लिए मायने नहीं रखता। उनका कहना था कि बोर्ड के नियमों का पालन उन्होंने पूरी ईमानदारी से किया है, और यदि बोर्ड या कोई अन्य व्यक्ति उन्हें किसी धार्मिक स्थल पर आमंत्रित करता है तो वे वहां जाते हैं।
इस घटना ने धर्म और धार्मिक संस्थानों के कर्मचारी नियमों को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर उस संदर्भ में जहां धार्मिक संस्थानों में धार्मिक पहचान को लेकर कड़ाई बरती जा रही है।