मुंबई, 7 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन) आजकल की बदलती जीवनशैली में बच्चों और बड़ों में बढ़ता मोटापा एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस समस्या का एक सरल और प्राकृतिक समाधान हमारे पास पहले से ही मौजूद है? जी हाँ, हम बात कर रहे हैं माँ के दूध की, जो नवजात शिशु के लिए अमृत समान तो है ही, साथ ही यह माँ और बच्चे दोनों को भविष्य में होने वाले मोटापे से भी बचाता है।
कैसे करता है यह जादू?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, स्तनपान सिर्फ बच्चे का पेट भरने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक तरह का 'पहला टीका' है जो उसे कई बीमारियों से बचाता है।
बच्चों के लिए फायदे:
संतुलित पोषण: माँ के दूध में प्रोटीन, वसा और अन्य पोषक तत्वों का एकदम सही संतुलन होता है, जो बच्चे के विकास के लिए ज़रूरी है। यह फॉर्मूला दूध की तुलना में हल्का और सुपाच्य होता है।
भूख का सही नियंत्रण: स्तनपान करने वाले बच्चे अपनी भूख के हिसाब से दूध पीते हैं। जब उनका पेट भर जाता है, तो वे खुद ही पीना बंद कर देते हैं। इससे उनमें ज़रूरत से ज़्यादा खाने की आदत विकसित नहीं होती। * हार्मोन का खेल: माँ के दूध में 'लेप्टिन' जैसे हार्मोन होते हैं, जो शरीर में वसा के जमाव को नियंत्रित करते हैं और भूख को régulate करने में मदद करते हैं।
बेहतर आंत स्वास्थ्य: स्तनपान से बच्चे की आंत में अच्छे बैक्टीरिया पनपते हैं, जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखते हैं और मोटापे के ख़तरे को कम करते हैं।
माँ के लिए फायदे:
- कैलोरी बर्न होती है: स्तनपान कराने की प्रक्रिया में काफी ऊर्जा लगती है, जिससे शरीर की अतिरिक्त कैलोरी बर्न होती है। यह गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए वज़न को प्राकृतिक रूप से कम करने का सबसे अच्छा तरीका है।
- हार्मोनल संतुलन: स्तनपान से शरीर में ऐसे हार्मोन निकलते हैं जो गर्भाशय को वापस सामान्य आकार में लाने में मदद करते हैं।
- बीमारियों से बचाव: अध्ययनों से पता चला है कि जो महिलाएँ स्तनपान कराती हैं, उनमें भविष्य में स्तन कैंसर, ओवेरियन कैंसर और टाइप-2 डायबिटीज़ का ख़तरा कम हो जाता है।
विशेषज्ञों की राय
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश वारी का कहना है, "पहले छह महीने तक शिशु को केवल माँ का दूध ही देना चाहिए। यह उसे न केवल संक्रमण से बचाता है, बल्कि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मज़बूत करता है, जिससे वह जीवन भर स्वस्थ रहता है। स्तनपान मोटापे के खिलाफ एक शक्तिशाली कवच है।"
नई माताओं के लिए कुछ टिप्स
- जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान शुरू करने का प्रयास करें।
- पहले 6 महीने तक केवल स्तनपान कराएं, पानी भी नहीं।
- अपने खान-पान का ध्यान रखें और पौष्टिक आहार लें।
- किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर या लैक्टेशन काउंसलर से सलाह लेने में संकोच न करें।
यह स्पष्ट है कि स्तनपान माँ और बच्चे दोनों के लिए एक वरदान है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो न केवल एक मज़बूत भावनात्मक बंधन बनाती है, बल्कि दोनों को एक स्वस्थ और उज्ज्वल भविष्य भी देती है।