टीम इंडिया एक बार फिर से खुद को साबित करने के लिए तैयार है। हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में मिली करारी हार ने भारतीय टीम को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन अब 2 जुलाई से एजबेस्टन में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया पलटवार के मूड में दिख रही है। जहां एक ओर खिलाड़ी खुद को मानसिक और तकनीकी रूप से तैयार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मौसम एक बड़ी बाधा के रूप में उभर रहा है।
हेडिंग्ले की हार ने खोली कमजोरियों की परतें
पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। बल्लेबाजों की नाकामी और गेंदबाजों की बेरंग गेंदबाजी ने टीम को मुसीबत में डाल दिया। 371 रनों का विशाल लक्ष्य इंग्लैंड ने मात्र 3 विकेट खोकर हासिल कर लिया, जो भारतीय गेंदबाजों की रणनीति और निष्पादन पर कई सवाल खड़े करता है। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और शार्दूल ठाकुर प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे, जबकि स्पिनर रवींद्र जडेजा को भी पिच से कोई खास मदद नहीं मिली।
एजबेस्टन में पलटवार की उम्मीद
टीम इंडिया अब एजबेस्टन टेस्ट में नई रणनीति और नई ऊर्जा के साथ उतरने की तैयारी में है। कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा ने टीम के संयोजन में कुछ बदलाव के संकेत दिए हैं। शुभमन गिल की जगह यशस्वी जायसवाल को मौका मिल सकता है, जबकि गेंदबाजी आक्रमण में भी एक अतिरिक्त स्पिनर या ऑलराउंडर को शामिल किया जा सकता है।
इसके अलावा, फॉर्म से जूझ रहे अजिंक्य रहाणे और श्रेयस अय्यर की बल्लेबाजी भी चिंता का विषय बनी हुई है। एजबेस्टन की पिच आमतौर पर तेज गेंदबाजों को मदद देती है, लेकिन यहां अच्छी शुरुआत करने वाले बल्लेबाज बड़ी पारियां भी खेल सकते हैं, जैसा कि रिकॉर्ड्स में देखा गया है।
मौसम की मार: टेस्ट में बन सकता है ड्रॉ का खतरा
एजबेस्टन टेस्ट में सबसे बड़ा खेल बिगाड़ने वाला कोई खिलाड़ी नहीं बल्कि बारिश हो सकती है। Accuweather की रिपोर्ट के मुताबिक, चौथे और पांचवें दिन बारिश की संभावना 60% तक है। इसके अलावा पूरे टेस्ट के दौरान बादल छाए रहने की भी संभावना है, जिससे खेल के कई सत्र प्रभावित हो सकते हैं।
बारिश न केवल खेल को बाधित करेगी, बल्कि ओवरकास्ट कंडिशंस इंग्लैंड के गेंदबाजों, खासकर जेम्स एंडरसन, मार्क वुड और क्रिस वोक्स जैसे स्विंग विशेषज्ञों को और खतरनाक बना देगी। ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों को सतर्क और धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी करनी होगी।
पिच रिपोर्ट: तेज गेंदबाजों को मिलेगा स्विंग का साथ
एजबेस्टन की पिच पारंपरिक रूप से तेज और उछाल भरी मानी जाती है। मैच के शुरुआती दो दिनों में गेंदबाजों को स्विंग और सीम मूवमेंट मिलने की संभावना है, जबकि तीसरे और चौथे दिन बल्लेबाजी के लिए परिस्थितियां थोड़ी आसान हो सकती हैं। हालांकि अगर बारिश होती है और नमी बनी रहती है, तो गेंदबाजों को पूरे मैच में मदद मिल सकती है।
टीम इंडिया के लिए यह जरूरी होगा कि वे टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करें, ताकि ओवरकास्ट कंडिशंस का फायदा उठाया जा सके और इंग्लैंड को पहले दबाव में लाया जा सके।
क्या कर पाएगी टीम इंडिया वापसी?
इस सवाल का जवाब एजबेस्टन के मैदान और आसमान दोनों देंगे। यदि भारतीय बल्लेबाजी क्रम ठोस शुरुआत करता है, और गेंदबाज एकजुट होकर इंग्लिश बल्लेबाजों को शुरुआती झटके देने में कामयाब होते हैं, तो टीम इंडिया निश्चित रूप से इस टेस्ट में वापसी कर सकती है। साथ ही, फील्डिंग और कैचिंग में भी सुधार जरूरी होगा क्योंकि पहले टेस्ट में कुछ अहम कैच छूटे थे, जिनका खामियाजा टीम को हार के रूप में भुगतना पड़ा।
निष्कर्ष: इम्तिहान की घड़ी है एजबेस्टन टेस्ट
टीम इंडिया के लिए एजबेस्टन टेस्ट सिर्फ एक मैच नहीं बल्कि सम्मान और आत्मविश्वास की वापसी का मौका है। हेडिंग्ले की हार ने जो मानसिक दबाव बनाया है, उसे तोड़ना इस टेस्ट में जरूरी होगा। हालांकि बारिश की आशंका इस टेस्ट को ड्रॉ की ओर भी धकेल सकती है, लेकिन यदि मौसम साथ देता है, तो भारत के पास सिलसिले को बराबरी पर लाने का सुनहरा मौका है।
अब देखना ये है कि क्या रोहित की अगुआई में टीम इंडिया खुद को साबित कर पाती है, या इंग्लैंड एक बार फिर जीत की लय को बरकरार रखता है। एक बात तय है — एजबेस्टन टेस्ट रोमांच से भरपूर होने वाला है, बस इंद्र देवता इस जंग में बीच में न आ जाएं।