भारत के रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र को नई दिशा देने के उद्देश्य से अडाणी सीमेंट और क्रेडाई (भारतीय रियल एस्टेट डेवलपर्स संघों का परिसंघ) ने एक अहम रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता गोवा में आयोजित क्रेडाई गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हुआ, जिसमें देशभर के प्रमुख डेवलपर्स और उद्योग निकाय के अधिकारी शामिल हुए। इस ऐतिहासिक अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद रहे।
यह साझेदारी अडाणी सीमेंट की तकनीकी विशेषज्ञता और क्रेडाई के 13,000 से अधिक डेवलपर्स के नेटवर्क को एक मंच पर लाकर निर्माण क्षेत्र को सशक्त बनाने का कार्य करेगी। इसका उद्देश्य टिकाऊ, स्मार्ट और पर्यावरण अनुकूल निर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
टिकाऊ निर्माण की ओर कदम
अडाणी सीमेंट के सीईओ विनोद बहेटी ने कहा कि यह साझेदारी राष्ट्र निर्माण के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उनका कहना है, “हम क्रेडाई के साथ मिलकर हरित कंक्रीट और विश्व स्तरीय सीमेंट समाधानों को तेजी से अपनाने के लिए उत्साहित हैं। यह साझेदारी मजबूत, सुरक्षित और टिकाऊ शहरी संरचनाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”
प्रीमियम और ग्रीन सीमेंट उत्पाद
अडाणी सीमेंट के पोर्टफोलियो में अंबुजा प्लस, एसीसी कंक्रीट प्लस जैसे प्रीमियम उत्पाद शामिल हैं, जो निर्माण की गुणवत्ता और मजबूती के लिए जाने जाते हैं। अडाणी की ग्रीन RMX रेंज, जैसे ईकोमैक्स अल्ट्रा हाई-परफॉरमेंस कंक्रीट (UHPC), पारंपरिक कंक्रीट की तुलना में 30-100% तक कम कार्बन उत्सर्जन करती है, जो पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का परिचायक है।
तकनीकी सहायता और शोध
अडाणी सर्टिफाइड टेक्नोलॉजी (ACT) के तहत कंपनी डेवलपर्स को तकनीकी परामर्श, गुणवत्ता जांच और ऑन-साइट सहयोग प्रदान करेगी। इसके अलावा, उन्नत योजक जैसे एल्कोफाइन, जो कंक्रीट की ताकत और स्थायित्व को बढ़ाता है, अब क्रेडाई सदस्यों को सुलभ होंगे। यह नवाचार विशेष रूप से गगनचुंबी इमारतों और उन्नत शहरी ढांचों के लिए लाभकारी साबित होंगे।
बदलते उपभोग पैटर्न और बढ़ती मांग
भारत में सीमेंट खपत के स्वरूप में तेजी से बदलाव आ रहा है। पहले जहां व्यक्तिगत घर बनाने वालों (IHB) की मांग प्रमुख हुआ करती थी, वहीं अब शहरीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास के चलते B2B खपत में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। स्मार्ट सिटी परियोजनाएं, मेट्रो निर्माण और हाइवे जैसी सरकारी योजनाएं मांग को नई ऊंचाई पर ले जा रही हैं।
शहरी आबादी और निर्माण का भविष्य
भारत की शहरी आबादी 2030 तक 600 मिलियन से अधिक होने का अनुमान है। ऐसे में ऊंची इमारतों और टॉवरों की आवश्यकता तेजी से बढ़ रही है। इन संरचनाओं के लिए विशेष सीमेंट फॉर्मूलेशन और तकनीकी सहायता जरूरी होती है, जिससे सुरक्षा और दीर्घायु सुनिश्चित हो सके।
क्रेडाई का दृष्टिकोण
क्रेडाई के नेतृत्व ने अडाणी सीमेंट के साथ साझेदारी को एक बड़ा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह गठजोड़ डेवलपर्स को सीमेंट की स्थिर आपूर्ति, उन्नत निर्माण समाधान और विशेषज्ञता का लाभ देगा। इससे न केवल परियोजनाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि समय पर पूरा होने की गति भी तेज होगी।
अडाणी सीमेंट की भूमिका और भविष्य
अडाणी सीमेंट, अंबुजा और एसीसी जैसे ब्रांड्स के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक है, जिसकी वार्षिक क्षमता 100 मिलियन टन से अधिक है। कंपनी का लक्ष्य न केवल निर्माण की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है, बल्कि पर्यावरणीय जिम्मेदारी को भी प्राथमिकता देना है।
इस ऐतिहासिक साझेदारी से स्पष्ट है कि भारत का निर्माण क्षेत्र अब पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर टेक्नोलॉजी, स्थिरता और गुणवत्ता की दिशा में बढ़ रहा है। अडाणी सीमेंट और क्रेडाई की यह पहल भारत के शहरी भविष्य को मजबूत नींव देने के लिए एक अहम मील का पत्थर साबित हो सकती है।