राजस्थान के बाड़मेर शहर में ठंड के मौसम के बीच चोर गिरोह भी पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। बीती रात कोतवाली थाना क्षेत्र के महावीर सर्किल स्थित माजीसा मंदिर में हुई चोरी ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी है। मंदिर में लगी सीसीटीवी कैमरों में दर्ज फुटेज से यह स्पष्ट हुआ कि चोरों ने न केवल मूर्ति के सोने के आभूषण चुराए बल्कि लोहे की रॉड से दानपात्र तोड़कर उसमें जमा नकदी पर भी हाथ साफ किया।
चोरी की पूरी घटना सीसीटीवी में कैद
घटना रात के समय हुई जब मंदिर में कोई उपस्थित नहीं था। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि तीन अज्ञात व्यक्ति अपने चेहरे कपड़े से ढककर मंदिर में घुसे। वे मंदिर में एक-एक करके अलग-अलग जगहों के ताले तोड़ते हैं और आभूषण व नकदी अपने साथ उठा ले जाते हैं। चोरों का अंदाज पूरी तरह बेखौफ और शातिराना था। फुटेज में वे कभी बैठते, कभी खड़े होते और कभी दानपेटी तोड़ते दिखाई दे रहे हैं।
सुबह भक्तों ने पूजा करने के लिए मंदिर का रुख किया तो उन्होंने टूटा दानपात्र और गायब आभूषण देखकर पुलिस को सूचना दी। मौके पर बाड़मेर डीएसपी और थाना पुलिस पहुंची और चोरों की तलाश में जुट गई।
चोरी की गई संपत्ति
माजीसा मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा मात्र एक साल पहले हुई थी। माता जी की मूर्ति पर लगभग 30-35 तोला सोने के आभूषण सजाए गए थे। साथ ही दानपात्र में काफी नकदी जमा थी। चोरों ने पहली ही कोशिश में मंदिर से यह संपत्ति ले ली, जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया।
पुलिस की जांच
कोतवाली पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मदद से चोरों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। डीएसपी बाड़मेर ने बताया कि फुटेज के आधार पर चोरों की तलाश तेज कर दी गई है और आसपास के इलाके में संदिग्धों की तलाशी ली जा रही है। इसके अलावा पुलिस ने मंदिर के अन्य आस-पास के CCTV कैमरों की भी जांच शुरू कर दी है, ताकि चोरों के भागने के रास्ते का पता लगाया जा सके।
लोगों में नाराजगी और सुरक्षा की मांग
मंदिर में हुई इस चोरी ने स्थानीय लोगों को हड़कंप में डाल दिया है। कई भक्तों और स्थानीय निवासियों ने पुलिस से अपील की है कि जल्द से जल्द चोरों को गिरफ्तार किया जाए और मंदिर में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए जाएं। शहर में लगातार चोरी की घटनाओं से लोगों की नींद उड़ी हुई है और वे खुद की और अपने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
स्थानीय व्यापारी और श्रद्धालु भी इस घटना से परेशान हैं। उनका कहना है कि मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए पुलिस और प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।