केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को राजस्थान के दौरे पर रहे। जयपुर में उन्होंने नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन का एक साल पूरा होने के अवसर पर एक भव्य प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश की न्याय प्रणाली में लाए गए ऐतिहासिक बदलावों और किसानों के लिए मोदी सरकार की नीतियों पर विस्तार से बात की।
160 साल पुराने कानून खत्म, 2027 तक पूरी होगी व्यवस्था
कानूनों में किए गए बड़े बदलाव पर बात करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने 160 साल पुराने औपनिवेशिक कानूनों को समाप्त कर दिया है और उनकी जगह तीन नए कानून लागू किए हैं। उन्होंने कहा कि इन नए कानूनों के तहत, 2027 के बाद देशभर में दर्ज की गई कोई भी एफआईआर (FIR) पर सुप्रीम कोर्ट तक मुकदमा चलाया जा सकेगा।
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि इस पूरी नई व्यवस्था को जमीन पर लागू होने में अभी लगभग दो साल का समय लगेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस कानून की बदौलत 2027 के बाद दर्ज की गई किसी भी एफआईआर पर 3 साल के भीतर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमे का निस्तारण हो सकेगा, जिससे न्याय की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
गृहमंत्री ने कहा कि अंग्रेजी शासन और उनकी संसद में बने कानून अब खत्म हो चुके हैं। इन नए कानूनों को 3 साल के होम वर्क के बाद बनाया गया है। इन कानूनों में ई-एफआईआर (E-FIR) और जीरो एफआईआर (Zero FIR) के प्रावधानों के साथ ही, सभी जब्ती (Seizure) की वीडियोग्राफी को जरूरी किया गया है, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
किसानों को बड़ा भरोसा: दालों की 100% खरीद MSP पर
अपने संबोधन में अमित शाह ने किसानों को एक बड़ा भरोसा दिलाते हुए कहा कि देश को अब दलहन (Pulses) के लिए विदेशी आयात पर निर्भर नहीं रहना होगा। उन्होंने बताया कि आज देश को 83 लाख मेट्रिक टन दलहन विदेशों से खरीदना पड़ता है।
इस निर्भरता को खत्म करने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। शाह ने घोषणा की कि जो किसान रजिस्ट्रेशन कराएंगे, उनकी उड़द, तुवर और अन्य दलहन की 100 फीसदी खरीद भारत सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर करेगी।
उन्होंने देश के किसानों से दलहन-तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया और भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने में उनके साथ हर कदम पर खड़ी है।
राजस्थान में दोषसिद्धि दर में भारी वृद्धि का दावा
केंद्रीय गृह मंत्री ने राजस्थान में नए कानूनों के प्रभाव पर भी बात की। उन्होंने दावा किया कि राजस्थान में पहले दोषसिद्धि दर (Conviction Rate) केवल 42% थी। उन्होंने कहा, "तीन नए कानून लागू हुए हैं, और अभी एक साल ही हुआ है, फिर भी यह दर बढ़कर 60% हो गई है।"
शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि जब ये नए कानून पूरी तरह से लागू हो जाएंगे, तो देश में दोषसिद्धि दर 90% तक पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि इन कानूनों में सभी प्रकार के वैज्ञानिक तरीकों का प्रावधान है, जिससे पुलिस जांच की गुणवत्ता सुधरेगी।
कानून के सुचारु पालन के लिए उठाए गए कदमों पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि सरकार ने 2020 में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की। उन्होंने कहा कि देश भर में धीरे-धीरे संबद्ध कॉलेज खोलकर, हम वैज्ञानिक कार्य करने वाले युवाओं का एक नया कार्यबल तैयार कर रहे हैं, जो न्याय प्रक्रिया को गति देगा।