गंभीर चक्रवाती तूफान 'मोंथा' आज, मंगलवार को आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों से टकराने के लिए तैयार है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इसकी पुष्टि की है और चेतावनी दी है कि चक्रवात का सबसे ज्यादा असर आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों में देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के अनुसार, 'मोंथा' लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से तट से टकरा सकता है। इस संभावित खतरे को देखते हुए, आंध्र प्रदेश प्रशासन ने तटीय क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। समुद्री किनारों पर जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है, और सभी शैक्षणिक संस्थानों (स्कूलों) को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। एहतियाती कदम के रूप में कई उड़ानों को भी रद्द कर दिया गया है।
तटीय क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित, ट्रेनें रद्द
चक्रवात के मद्देनजर, साउथ सेंट्रल रेलवे के विजयवाड़ा डिवीजन के अंतर्गत आने वाली कम से कम 54 ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की गई है, जिससे यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।
आंध्र प्रदेश के कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। पेद्दापल्ली, जयशंकर भूपालपल्ली और मुलुगु जैसे क्षेत्रों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है, जो स्थानीय निवासियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की चेतावनी देता है। इसके अलावा, उत्तर-पूर्वी जिलों में 'यलो अलर्ट' जारी है। पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी अगले दो से तीन दिनों तक भारी बारिश का अनुमान है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत पर असर
जहां तटीय राज्य 'मोंथा' के सीधे प्रभाव में हैं, वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भी मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने बताया है कि चक्रवात के आगमन के बीच एक पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) के कारण दिल्ली-एनसीआर में अगले दो दिनों तक मौसम खुशनुमा रहेगा। इस दौरान हल्की गरज के साथ बारिश की संभावना है और आसमान में बादल छाए रहेंगे। उत्तर प्रदेश और बिहार पर भी चक्रवात 'मोंथा' का अप्रत्यक्ष असर पड़ने का अनुमान है। चूंकि बिहार ओडिशा का पड़ोसी राज्य है, इसलिए उत्तर प्रदेश की तुलना में बिहार में इसका प्रभाव अधिक देखने को मिल सकता है।
उत्तर प्रदेश में प्री-मॉनसून बारिश
'मोंथा' के तट से टकराने से पहले ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्री-मॉनसून बारिश शुरू हो गई है। बांदा समेत कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई, जबकि राजधानी लखनऊ में भी बादलों की आवाजाही और बूंदाबांदी ने उमस भरी गर्मी से राहत दिलाई। हालांकि, लखनऊ में अधिकतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, लेकिन रात के तापमान में वृद्धि से उमस बनी रही। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि उत्तर प्रदेश के 50 से अधिक जिलों में मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को हल्की बारिश की संभावना है। अगले दो-तीन दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में लगभग तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें चक्रवात से होने वाले संभावित नुकसान को कम करने के लिए तैयारी में जुट गई हैं।