मुंबई, 01 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव के नए वीडियो को लेकर टिप्पणी की। जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि रामदेव किसी के नियंत्रण में नहीं हैं। वे अपनी ही दुनिया में जीते हैं। बाबा रामदेव ने हमदर्द कंपनी का नाम लिए बिना रूह अफजा को 'शरबत जिहाद' कहा था। इसके बाद विवाद बढ़ गया था। जस्टिस बंसल ने ये भी कहा, पिछले आदेश के मद्देनजर उनका हलफनामा (एफिडेविट) और यह वीडियो प्रथमदृष्टया अवमानना के अंतर्गत आते हैं। मैं अब अवमानना नोटिस जारी करूंगा। हम उन्हें यहां बुला रहे हैं। वहीँ, कोर्ट ने गुरुवार को ये बताया कि बाबा रामदेव ने नया वीडियो जारी किया, जिसमें हमदर्द के खिलाफ टिप्पणी की गई है। ये नया वीडियो कब आया, इसकी जानकारी नहीं मिली है। इससे पहले 22 अप्रैल को हाईकोर्ट ने रामदेव को दिए आदेश में कहा था, हमदर्द उत्पादों को लेकर न तो कोई बयान दें और न ही कोई वीडियो शेयर करें।
हाईकोर्ट ने रामदेव के वीडियो पर आपत्ति जताई तो उनके वकील ने कहा कि योगगुरु के ताजा वीडियो से आपत्तिजनक हिस्सा हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से 24 घंटे के अंदर हटा दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि आपने आदेश का पालन किया, एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दायर करें। हाईकोर्ट कल यानी 2 मई को फिर इस मामले की सुनवाई करेगा। इसमें देखेगा कि पूर्व आदेश का पालन हुआ या नहीं। दरअसल, बाबा रामदेव ने 3 अप्रैल को पतंजलि के शरबत की लॉन्चिंग की थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा था कि एक कंपनी शरबत बनाती है। उससे जो पैसा मिलता है, उससे मदरसे और मस्जिदें बनवाती है। बाबा रामदेव ने कहा था कि जैसे लव जिहाद और वोट जिहाद चल रहा है, वैसे ही शरबत जिहाद भी चल रहा है। इस बयान के खिलाफ रूह अफजा शरबत बनाने वाली कंपनी हमदर्द ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कंपनी की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलीलें दीं। रोहतगी ने कहा कि यह धर्म के नाम पर हमला है।