प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 जुलाई 2025 को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। यह शिखर सम्मेलन दो दिवसीय रहा जिसमें BRICS के सभी 11 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें भारत, ब्राजील, रूस, चीन, इंडोनेशिया, ईरान, सऊदी अरब, इजिप्ट, UAE, इथोपिया और दक्षिण अफ्रीका शामिल रहे। इस दौरान पीएम मोदी की सक्रिय और प्रभावशाली भागीदारी ने भारत की वैश्विक भूमिका को और भी मजबूत किया।
भारत को मिली अगली BRICS समिट की मेजबानी
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि अगली यानी 18वीं BRICS समिट 2026 की मेजबानी भारत करेगा। सभी सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से भारत के प्रस्ताव का स्वागत किया। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन पर UNFCCC की 33वीं कॉन्फ्रेंस की मेजबानी के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन भी समिट में देखने को मिला। यह भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय साख का स्पष्ट संकेत है।
वित्त मंत्रियों की बैठक: WTO के नियमों पर चिंता
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई थी। इसमें सभी 11 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और आर्थिक नीतियों, टैरिफ और ट्रेड अवरोधों पर चर्चा की। बैठक के बाद साझा बयान में कहा गया कि कुछ देश जो टैरिफ लगाने के उपाय अपना रहे हैं, वे WTO के नियमों के खिलाफ हैं और यह वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए अस्थिरता का कारण बनते हैं।
मलेशिया और क्यूबा के नेताओं से पीएम मोदी की मुलाकात
समिट के दौरान पीएम मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से मुलाकात की और पहेलगाम आतंकी हमले की निंदा करने के लिए धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार, निवेश और भारत-आसियान साझेदारी को और मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा की।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल से भी मुलाकात की। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने आयुर्वेद, डिजिटल भुगतान (UPI), फार्मा, पारंपरिक चिकित्सा और आपदा प्रबंधन सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।
आतंकवाद पर पीएम मोदी का कड़ा रुख
शिखर सम्मेलन में ‘शांति और सुरक्षा’ विषय पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद आज की सबसे गंभीर वैश्विक चुनौती है। उन्होंने कहा:
“जो देश आतंकवाद को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देते हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी चाहिए। हमें आतंकवाद और उसके समर्थकों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होना चाहिए।”
उन्होंने पहेलगाम आतंकी हमले को भारत की आत्मा पर हमला बताया और अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्पष्ट शब्दों में आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
BRICS का संयुक्त बयान: आतंकवाद को लेकर सख्ती
सम्मेलन के अंत में जारी संयुक्त बयान (Joint Declaration) में BRICS सदस्य देशों ने पहेलगाम आतंकी हमले की तीव्र निंदा की और कहा:
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आतंकवाद को किसी धर्म, जातीयता या राष्ट्रीयता से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
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आतंकियों और उनके समर्थकों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत सजा मिलनी चाहिए।
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BRICS देश आतंकवाद के खात्मे के लिए आपसी सहयोग बढ़ाएंगे और किसी भी हाल में इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
निष्कर्ष
17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन भारत के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। प्रधानमंत्री मोदी की सक्रिय भूमिका और उनके स्पष्ट विचारों ने न केवल भारत को अगली समिट की मेजबानी दिलाई, बल्कि आतंकवाद और वैश्विक आर्थिक नीतियों पर भारत की स्थिति को मजबूती से सामने रखा। भारत की कूटनीति, वैश्विक मंचों पर उसकी स्वीकार्यता और नेतृत्व क्षमता को इस समिट ने फिर से साबित कर दिया।