एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में, भारत की राजनीति अब अमेरिका के स्थानीय चुनावों में भी सुर्खियां बटोर रही है. न्यूयॉर्क शहर के आगामी मेयर चुनाव में, डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जोहरान ममदानी ने अपने चुनावी अभियान के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया है, जिससे भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बीच एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. न्यूयॉर्क में 4 नवंबर को होने वाले मेयर चुनाव में ममदानी का मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के कर्टिस स्लीवा और निर्दलीय प्रत्याशी एंड्रयू कुओमो से है. वर्तमान में यहाँ डेमोक्रेटिक पार्टी के एरिक एडम्स मेयर हैं.
गुरुद्वारे में पीएम मोदी पर तीखा हमला
यह विवाद उस समय गहरा गया जब जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क के एक गुरुद्वारे में सार्वजनिक रूप से मौजूदा मेयर पर हमला करते हुए कहा कि वर्तमान मेयर न्यूयॉर्क में बढ़ती महंगाई और लोगों की परेशानियों को अनदेखा कर रहे हैं, जबकि वह भारत के पीएम मोदी की प्रशंसा करने में व्यस्त हैं. ममदानी का यह बयान सीधे तौर पर उनके वोट बैंक को प्रभावित करने और मौजूदा मेयर की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाने के उद्देश्य से देखा जा रहा है. ममदानी, जो न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के सदस्य भी हैं और मशहूर भारतीय फिल्म निर्माता मीरा नायर के बेटे हैं, ने अपनी मुस्लिम पहचान को भी प्रमुखता से आगे बढ़ाया है. वह न्यूयॉर्क के पहले भारतीय-अमेरिकी और पहले मुस्लिम मेयर बनने की दौड़ में हैं.
प्रवासी समुदाय में विभाजनकारी बयानबाजी पर रोष
यह पहली बार नहीं है जब ममदानी ने भारत और पीएम मोदी पर विवादास्पद टिप्पणियाँ की हैं. इससे पहले भी उन्होंने अपने प्रचार में प्रधानमंत्री पर तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं, जिसका भारतीय-अमेरिकी संगठनों ने बड़े स्तर पर विरोध किया है. इन संगठनों ने ममदानी की बयानबाजी को विभाजनकारी और राजनीतिक लाभ के लिए प्रवासी समुदाय के हितों को बलि चढ़ाने वाला करार दिया है. हिंदू-अमेरिकी समूहों ने ममदानी के रुख पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जबकि भारत में भी भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं ने उनकी टिप्पणियों की आलोचना की है. इस विवाद ने न्यूयॉर्क के भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं को दो फाड़ कर दिया है, जो शहर के प्रमुख वोटिंग समूहों में से एक हैं. एक ओर ममदानी अपनी आलोचना को भारत के बहुलतावादी दृष्टिकोण के समर्थन के रूप में पेश करते हैं, वहीं उनके विरोधी इसे नफरत की राजनीति और चुनावी रणनीति बता रहे हैं.
भारत-अमेरिका संबंधों पर असर
यह घटना दर्शाती है कि कैसे वैश्विक नेताओं और विदेशी राजनीति का प्रभाव अब अमेरिका के स्थानीय चुनावों तक पहुँच गया है. न्यूयॉर्क जैसे अंतर्राष्ट्रीय शहर में, जहाँ एक बड़ा भारतीय-अमेरिकी और दक्षिण एशियाई समुदाय निवास करता है, ऐसे बयानों का चुनाव परिणामों पर सीधा असर पड़ सकता है. इस पूरे मामले पर भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. ममदानी के इस कदम से स्पष्ट है कि वह अपने राजनीतिक लाभ के लिए पीएम मोदी को एक 'मुद्दा' बनाकर ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं.