नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसने वनडे वर्ल्ड कप के इतिहास को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया है। हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने आईसीसी महिला वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले में सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से करारी शिकस्त दी। इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही भारतीय टीम ने फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। यह जीत महिला क्रिकेट के 50 ओवर के फॉर्मेट में सफलतापूर्वक हासिल किया गया सबसे बड़ा रन चेज है, जिसने कई पुराने रिकॉर्डों को ध्वस्त कर दिया है।
जेमिमा और हरमनप्रीत का धमाकेदार प्रदर्शन
भारत की इस अविश्वसनीय जीत की मुख्य शिल्पकार सलामी बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत कौर रहीं। जेमिमा रोड्रिग्स ने शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए 127 रन बनाकर नाबाद लौटीं और टीम को जीत की दहलीज पार कराई। उनकी यह पारी दबाव भरे नॉकआउट मैच में संयम और आक्रामकता का बेहतरीन मिश्रण थी। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी अहम समय पर अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया और 89 रनों की दमदार पारी खेली। दोनों बल्लेबाजों की साझेदारी ने ऑस्ट्रेलिया के विशाल स्कोर को बौना साबित कर दिया।
नॉकआउट मैचों का सबसे बड़ा चेज
भारतीय टीम ने इस मैच में 339 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए क्रिकेट जगत में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है:
विश्व कप नॉकआउट रिकॉर्ड: यह पुरुष और महिला क्रिकेट के वनडे विश्व कप इतिहास में पहली बार हुआ है, जब किसी नॉकआउट मुकाबले में 300 से अधिक रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया गया है।
मेंस क्रिकेट रिकॉर्ड चकनाचूर: इससे पहले, पुरुष क्रिकेट विश्व कप के नॉकआउट मैचों में सबसे बड़ा सफल चेज 2015 में न्यूजीलैंड द्वारा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 298 रन था। भारत की बेटियों ने इस रिकॉर्ड को तोड़कर एक नया मानक स्थापित कर दिया है।
महिला वनडे में रिकॉर्ड चेज
इस सेमीफाइनल की जीत ने महिला वनडे क्रिकेट में भी एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। यह अब महिला वनडे क्रिकेट का सबसे बड़ा सफल रन चेज बन गया है।  इसी विश्व कप में, ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम के खिलाफ 331 रनों का लक्ष्य सफलतापूर्वक चेज कर एक रिकॉर्ड बनाया था। आज, हरमनप्रीत की सेना ने उसी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 339 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा कर उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।
महिला क्रिकेट के 50 ओवर के इतिहास में यह केवल तीसरा मौका है, जब किसी टीम ने 300 से अधिक रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया है। इस जीत ने न केवल भारतीय टीम को फाइनल का टिकट दिलाया है, बल्कि विश्व क्रिकेट में उसकी बढ़ती ताकत और जुझारूपन का भी प्रमाण दिया है।