गंभीर हो चुका होता है। अगर हफ्ते में दो-तीन बार टखनों में सूजन या दर्द महसूस हो, या पैरों में लंगड़ाने जैसी समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए क्योंकि यह वैस्कुलर डिजीज का शुरुआती संकेत हो सकता है।
क्रोनिक वेनस इन्सफिशिएंसी (CVI) क्यों होती है?
CVI एक ऐसी बीमारी है जिसमें पैरों की नसों के वॉल्व (valves) ठीक से काम नहीं करते। ये वॉल्व ब्लड को पैर से ऊपर की ओर हृदय की तरफ ले जाने में मदद करते हैं। जब ये वॉल्व खराब हो जाते हैं तो खून जमने लगता है, जिससे नसें सूज जाती हैं और दर्द होने लगता है। यह बीमारी उम्र बढ़ने के साथ सामान्य होती है, लेकिन इसके पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे:
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डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT): गहरी नसों में खून का थक्का बनना।
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हार्ट फेलियर: हृदय की कार्यक्षमता कम होना।
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किडनी की बीमारी: जो शरीर में तरल पदार्थों के संतुलन को प्रभावित करती है।
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लंबे समय तक खड़े रहना या बैठना।
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मोटापा (ओबेसिटी)।
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प्रेग्नेंसी।
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सिगरेट और शराब का सेवन।
दर्द और सूजन क्यों होती है?
जब नसों के वॉल्व खराब हो जाते हैं, तो खून ठीक तरह से ऊपर की तरफ नहीं जा पाता और पैरों में जमा होने लगता है। इससे नसों में सूजन, दर्द, और नीले-भूरे निशान बन जाते हैं। शुरू-शुरू में दर्द खड़े होने या चलने पर होता है, लेकिन आराम करने पर कम हो जाता है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, पैरों में भारीपन, मांसपेशियों में खिंचाव और रंग परिवर्तन भी होने लगता है। अगर समय पर इलाज न हो तो पैरों में घाव भी बन सकते हैं।
CVI के प्रमुख लक्षण
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पैरों के निचले हिस्से में लगातार दर्द।
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टखनों और पैरों में सूजन।
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खड़े रहने पर दर्द बढ़ना, लेकिन लेटने पर आराम मिलना।
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शाम के समय सूजन में वृद्धि।
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पैरों में भारीपन और जकड़न महसूस होना।
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त्वचा का रंग बदलना और लंबे समय तक बिना ठीक हुए घाव बनना।
बीमारी से बचाव और इलाज
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नियमित व्यायाम: पैरों की मांसपेशियों को सक्रिय रखने से रक्त संचार बेहतर होता है।
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वज़न नियंत्रण: अधिक वजन से पैरों पर दबाव बढ़ता है, जिससे वॉल्व खराब हो सकते हैं।
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लंबे समय तक खड़े या बैठे रहने से बचें।
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सिकुड़ने वाले मोजे (Compression stockings) पहनना।
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धूम्रपान और शराब से बचाव।
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डॉक्टर के परामर्श से दवाइयां या सर्जरी।
निष्कर्ष
अगर आपके पैरों में सूजन, नीले निशान या दर्द बार-बार हो रहा है तो इसे नजरअंदाज न करें। यह क्रोनिक वेनस इन्सफिशिएंसी जैसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, जिसमें जल्दी पहचान और इलाज बेहद जरूरी है। समय पर जांच और सही उपचार से आप इस बीमारी से बच सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। डॉ. बंसल के अनुसार, शरीर के संकेतों को समझना और डॉक्टर से परामर्श करना स्वास्थ्य की दिशा में पहला कदम होता है।