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साफ ईंधन पर सरकार का जोर, राष्ट्रीय गैस ग्रिड से सस्ती मिलेगी रसोई गैस

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Posted On:Saturday, December 27, 2025

भारत ने अपनी ऊर्जा सुरक्षा और स्वच्छ ईंधन की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर लिया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश का गैस पाइपलाइन नेटवर्क अब 25,000 किलोमीटर के आंकड़े को पार कर गया है। यह उपलब्धि भारत के 'गैस आधारित अर्थव्यवस्था' बनने के सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

राष्ट्रीय गैस ग्रिड: 25,000 किमी का सफर और आगे का लक्ष्य

वर्तमान में भारत में 25,429 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक गैस पाइपलाइनें पूरी तरह से ऑपरेशनल हैं। इसके अलावा, 10,459 किलोमीटर लंबी अतिरिक्त पाइपलाइनों पर काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस विस्तार का उद्देश्य देश के दूर-दराज के इलाकों को मुख्य ग्रिड से जोड़ना है ताकि उद्योगों और घरों को निर्बाध गैस आपूर्ति मिल सके।

'वन नेशन, वन ग्रिड, वन टैरिफ' का क्रांतिकारी बदलाव

गैस वितरण को और अधिक सुलभ बनाने के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने 'एकीकृत टैरिफ' व्यवस्था लागू की है।

  • समान शुल्क: इसके तहत देश के 90% पाइपलाइन नेटवर्क के लिए एक समान परिवहन शुल्क तय किया गया है।

  • समान कीमतें: इससे उन क्षेत्रों में गैस सस्ती होगी जो गैस स्रोतों (जैसे टर्मिनल या पोर्ट) से दूर हैं। यह औद्योगिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और उपभोक्ताओं पर बोझ कम करने की एक बड़ी पहल है।

स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण सुरक्षा

प्राकृतिक गैस का बढ़ता नेटवर्क केवल बुनियादी ढांचा ही नहीं, बल्कि पर्यावरण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। कोयला और भारी तेलों के मुकाबले प्राकृतिक गैस कम कार्बन उत्सर्जन करती है। यह पाइपलाइन नेटवर्क उर्वरक कारखानों, बिजली संयंत्रों और सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन (CGD) नेटवर्क के लिए जीवन रेखा साबित हो रहा है।

[Image showing natural gas value chain from exploration to household and industrial usage]

उज्ज्वला योजना: रसोई में आई स्वच्छ क्रांति

पाइपलाइन के साथ-साथ एलपीजी वितरण में भी भारत ने अभूतपूर्व प्रगति की है:

  • 10.35 करोड़ परिवार: 1 दिसंबर 2025 तक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत इतने परिवारों को धुआं मुक्त रसोई दी जा चुकी है।

  • सब्सिडी का सहारा: पात्र लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 300 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है, जिससे ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ ईंधन का उपयोग निरंतर बना रहे।

  • नया लक्ष्य: सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 25 लाख अतिरिक्त कनेक्शन देने की मंजूरी दी है, जिससे अंतिम छोर पर खड़े परिवारों को भी जोड़ा जा सके।

आधुनिकता की ओर बढ़ता तेल-गैस सेक्टर

सरकार केवल पाइपलाइन बिछाने तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे सेक्टर को आधुनिक बना रही है:

  1. इथेनॉल मिश्रण: पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा बढ़ाकर तेल आयात पर निर्भरता कम की जा रही है।

  2. डिजिटल भुगतान: पेट्रोल पंपों पर पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

  3. आत्मनिर्भरता: नए तेल और गैस एक्सप्लोरेशन ब्लॉक्स के आवंटन से घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।


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