ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में गुरुवार को हनुक्का यहूदी त्योहार से जुड़ी एक घटना ने सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हनुक्का के जश्न का संदेश देने वाली एक साइन लगी कार में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई, जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब देश में यहूदी समुदाय पहले से ही सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
नेशनल ब्रॉडकास्टर ABC टेलीविजन पर प्रसारित तस्वीरों के अनुसार, एक खाली कार, जिसकी छत पर “हैप्पी हनुक्का” लिखा हुआ साइन लगा था, एक घर के ड्राइववे में खड़ी थी। गुरुवार सुबह अचानक इस कार में आग लग गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आग की लपटें उठती देख पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। गनीमत यह रही कि कार में कोई मौजूद नहीं था और आग घर तक नहीं फैल सकी।
पुलिस ने तेज की जांच
विक्टोरिया पुलिस ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि यह घटना गुरुवार सुबह मेलबर्न के सेंट किल्डा ईस्ट उपनगर में हुई। एहतियात के तौर पर जिस घर के ड्राइववे में कार खड़ी थी, वहां रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। पुलिस और दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया और इलाके को सुरक्षित किया।
पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में यह मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। विक्टोरिया पुलिस ने कहा, “जासूसों ने एक ऐसे व्यक्ति की पहचान की है जो इस जांच में मदद कर सकता है। हम सक्रिय रूप से उसकी तलाश कर रहे हैं और उसके ठिकाने के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।” हालांकि, पुलिस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि आग जानबूझकर लगाई गई या किसी अन्य कारण से हुई। फॉरेंसिक टीम आग लगने के कारणों की जांच कर रही है।
यहूदी समुदाय में दहशत का माहौल
इस घटना के बाद मेलबर्न के यहूदी समुदाय में डर और असुरक्षा की भावना और गहरी हो गई है। सेंट किल्डा के लोकल चबाड के रब्बी एफी ब्लॉक ने इसे साफ तौर पर यहूदी विरोधी हमला करार दिया है। उन्होंने समाचार एजेंसी AFP से बातचीत में कहा, “भगवान का शुक्र है कि इस घटना में किसी को शारीरिक नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह बेहद चिंताजनक है।”
रब्बी ब्लॉक ने आगे कहा कि इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। “हम बार-बार ऐसे मामलों को देख रहे हैं, जहां यहूदी प्रतीकों और त्योहारों को निशाना बनाया जा रहा है। यह सिर्फ एक कार की आग नहीं है, बल्कि यह हमारे समुदाय के खिलाफ नफरत का प्रतीक है,” उन्होंने कहा।
सुरक्षा की उठी मांग
घटना के बाद यहूदी समुदाय ने प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। रब्बी एफी ब्लॉक ने कहा, “सेंट किल्डा और पूरे मेलबर्न में यहूदी समुदाय अपने ही घरों और अपने ही देश में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है।” उन्होंने सरकार से अपील की कि धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए।
स्थानीय निवासियों का भी कहना है कि हाल के महीनों में नफरत से जुड़े अपराधों में इजाफा हुआ है, जिससे सामाजिक ताना-बाना प्रभावित हो रहा है। समुदाय के लोगों का मानना है कि केवल बयानबाजी नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
पहले भी हो चुकी हैं गंभीर घटनाएं
गौरतलब है कि यह घटना 14 दिसंबर को बोंडी बीच पर आयोजित हनुक्का फेस्टिवल में हुई एक भीषण घटना के बाद सामने आई है, जहां मास शूटिंग में 15 लोगों की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद से ही ऑस्ट्रेलिया में हेट क्राइम को लेकर बहस तेज हो गई है। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी अब नफरत से जुड़े अपराधों के लिए कानूनों और सजाओं को और सख्त करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।
मेलबर्न में कार में आग लगने की यह घटना भले ही किसी के हताहत होने के बिना खत्म हुई हो, लेकिन इसने यहूदी समुदाय की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। अब सबकी नजरें पुलिस जांच पर टिकी हैं, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके।