सऊदी अरब में उमराह (हज) यात्रा पर गए 42 भारतीय नागरिकों की एक भीषण बस दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई है। यह हृदय विदारक हादसा मक्का से मदीना जाते समय मुहरास के पास हाईवे पर हुआ, जो मदीना से लगभग 160 किलोमीटर दूर है। बस हाईवे पर खड़े एक डीजल टैंकर से टकरा गई, जिसके परिणामस्वरूप ज़ोरदार धमाका हुआ और दोनों वाहनों में भीषण आग लग गई। इस आग में जिंदा जलने से 42 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 20 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल हैं। त्रासदी की सबसे दुखद बात यह है कि मारे गए 42 लोगों में से 18 सदस्य एक ही परिवार के थे, जिनमें 9 बच्चे और 9 वयस्क शामिल थे। इस हादसे ने एक झटके में एक परिवार की तीन पीढ़ियों को समाप्त कर दिया। हालांकि, एक 24 वर्षीय युवक किस्मत से जिंदा बच गया, जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
उजड़ीं हैदराबाद के दो इलाकों की जिंदगियां
हादसे में जान गंवाने वाले अधिकांश लोग तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के दो क्षेत्रों—बाज़ार घाट और विद्यानगर—के निवासी थे।
बाज़ार घाट के 21 मृतक: हादसे में जिन लोगों की जान गई है, उनमें रहीमुन्निसा, रहमत बी, शहनाज बेगम, गौसिया बेगम, कादिर मोहम्मद, मोहम्मद मौलाना, शोएब मोहम्मद, सोहेल मोहम्मद, मस्तान मोहम्मद, परवीन मोहम्मद, जकिया मोहम्मद, शौकत मोहम्मद, फरहीन मोहम्मद, जहीन मोहम्मद, मोहम्मद संजीव, अब्दुल मोहम्मद, मोहम्मद मंजूर, गौसिया बेगम, मोहम्मद अली, मोहम्मद सलीम और फातिमा बी शामिल हैं।
विद्यानगर के शेख नजीरुद्दीन का उजड़ा परिवार: रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी शेख नजीरुद्दीन (70) के परिवार के 18 सदस्यों ने इस त्रासदी में जान गंवा दी। पूरा परिवार उमराह के पवित्र सफर पर निकला था। मरने वालों में शेख नजीरुद्दीन, उनकी पत्नी अख्तर बेगम (62 वर्ष), बेटा सलाउद्दीन (42 वर्ष), और तीन बेटियां—अमीना (44 वर्ष), रिजवाना (38 वर्ष) और शबाना (40 वर्ष)—शामिल हैं। इनके साथ ही, सलाउद्दीन और बेटियों के 9 बच्चे (नाती-पोते), जिनकी उम्र 5 से 15 साल के बीच थी, भी इस हादसे में मारे गए। एक ही परिवार का लगभग पूरा वंश खत्म हो गया है।
'हादसे का जिम्मेदार कौन?' - पीड़ित परिवार ने न्याय की मांग की
हादसे की जानकारी मिलते ही विद्यानगर स्थित शेख नजीरुद्दीन के घर में मातम पसर गया। मृतक के चचेरे भाई मोहम्मद असलम ने मीडिया के सामने आकर न्याय की मांग की है। उन्होंने सवाल किया है कि आखिर इस भीषण हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है? सऊदी अरब की सरकार, टैंकर ड्राइवर, या बस ड्राइवर की लापरवाही? असलम ने कहा कि परिवार एक पवित्र धार्मिक यात्रा पर गया था, लेकिन इस हादसे ने खुशियों को मातम में बदल दिया। एक साथ 18 जिंदगियां खत्म हो गईं, और शेख नजीरुद्दीन का वंश ही नहीं बचा। उन्होंने मांग की है कि सऊदी सरकार को इसकी उच्च स्तरीय जांच करवानी चाहिए और हादसे के असली सच को सामने लाना चाहिए, ताकि जिम्मेदार लोगों को सज़ा मिल सके। सऊदी अरब की सरकार ने हादसे की जांच शुरू कर दी है, और मृतकों के शवों की पहचान DNA टेस्ट से करने के बाद उन्हें भारत भेजने की प्रक्रिया जारी है।